कोमलता किसकी अधिक | विक्रम और बेताल की कहानी भाग – 11 | Vikram Aur Betal Hindi Stories

कोमलता किसकी अधिक | विक्रम और बेताल की कहानी भाग – 11 | Vikram Aur Betal Hindi Stories


कोमलता किसकी अधिक

विक्रम एक बार फिर बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास चल पड़े।

कुछ देर चलने के बाद बेताल बोला, “विक्रमादित्य तुम भी बड़े हठी हो, कोई बात नही तुम भी ज्ञानी मैं भी ज्ञानी इस कारण मार्ग में चुप रहना शोभा नहीं देता।”

विक्रम कुछ नहीं बोला।

अच्छा, मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं जिससे राह जल्दी कट जायें। ध्यान से सुनना।

गौड़ देश का राजा गुणशेखर बड़ा प्रतापी था। उसका यश दूर-दूर तक फैला हुआ था। उसके चार सुंदर कन्याएं थी। वे चारों इतनी नाज़ुक और कोमल थी कि कभी-कभी राजा भी परेशान हो जाया करते।

जो सबसे बड़ी थी उसका यह हाल था कि चांदनी रात का प्रकाश भी शरीर पर पड़ जायें तो फफोले उग आये।

दूसरी को यदि गुलाब के फूल से भी मार दिया जाता तो गुलाब शरीर के जिस अंग से टकराता वहीं से खून निकलने लगता।

तीसरी राजकुमारी इतनी कोमल थी कि यदि कोई उसके सामने थोड़ा जोर से भी बोल देता तो वह आवाज़ मात्र से ही बेहोश हो जाया करती और सबसे छोटी वाली का हाल दूसरी राजकुमारी जैसे ही था लेकिन उसमें एक अलग गुण था। वो किसी भिखारी या गरीब को देख लेती तो उससे रहा नही जाता और कुछ न कुछ जरूर दान कर देती।

जो भी इन राजकुमारियों के कोमलता के बारे में सुनता आश्चर्य करता। जैसे-जैसे कन्याएं बड़ी होती राजा को उनके विवाह की चिन्ता बढ़ते जाती। कई राजकुमार उनसे विवाह करने के इच्छुक हो गये।

राजा सोचते यदि इनका विवाह कर भी दिया जाये तो ये चारों इस कठोर संसार में रह भी पायेंगी या नहीं।

पहली को हमेशा छाव में रखा जाता, दूसरी तथा सबसे छोटी राजकुमारी को बहुत ही हल्के कपड़े और गहने दिये जाते फिर भी उन्हें भारी लगता और तीसरी के सामने बोलना तो दूर, पैर की आवाज भी न होने पाती।

इतनी कथा सुनाकर बेताल चुप हो गया। कुछ देर बाद बेताल ने पूछा, “महाराज, बताइए, उन चारों राजकुमारियों में सबसे ज्यादा कोमल कौन थी?”

विक्रम चुप रहे। तब बेताल बोला, “विक्रम, यदि तुम उत्तर जानते हुए भी अपना न्याय मुझे नही बताओगे तो मैं अपने योगबल से तुम्हारे धर को शरीर से अलग कर दूँगा।”

विक्रम मजबूर थे उन्होंने कहा, “बेताल, यदि कोमलता की बात की जायें तो शरीर के कोमलता से ज्यादा मन की कोमलता महत्व रखती हैं। उन चारों में सबसे कोमल छोटी राजकुमारी थी जिसमें शारीरिक कोमलता के साथ-साथ मन की कोमलता भी थीं।

राजा के इतना कहते ही बेताल अपने आपको राजा के बंधन से छुड़ाकर फिर से भाग खड़ा हुआ। राजा फिर मसान में चल पड़े और जब वह उसे लेकर चले तो उसने एक और कहानी सुनायी।


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